नन्ही सी मुनिया मेरी

मेरे घर की चहल पहल,
मेरे आँगन की खुशहाली.
जीवन की संगीत सुधा सी,
मनोकामना मतवाली.
मेरे जीवन की पीयूष स्रोत,
नन्ही सी मुनिया मेरी.

सदा चहकती बुलबुल जैसी,
उछल कूद करती सरिता सी.
हाथ बटाकर अपनी माँ का,
भार घटाती दुहिता सी.
रूठ जाए तो प्यारी लगती,
अलबेली सी मुनिया मेरी.

चिंता करती माँ लगती है,
प्रश्न पूछती दादी सी.
पापा जल्दी आना ,कहकर ,
रहती बाट जोहती सी.
वनमाला नन्हे प्रश्नों की,
अथक गूंथती मुनिया मेरी.

मौन रहे तो जैसे कहती,
बाबुल मैं तो शबनम सी.
दूर न करना , भुला न देना,
बसूँ हृदय के अन्दर ही.
मेरे जीवन की कविता बन,
मुझको हुलसाती मुनिया मेरी.

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